मोदी के दौरे से पहले हिमाचल सीमा विवाद पर हलचल शुरू

मोदी के दौरे से पहले हिमाचल सीमा विवाद पर हलचल शुरू

शिमला
चीन के साथ बढ़ते विवाद के बीच सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण अटल टनल के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 3 अक्तूबर का दौरा प्रस्तावित है। मोदी के इस दौरे के साथ ही लद्दाख (पहले जम्मू-कश्मीर) और हिमाचल के बीच एक दशक से चल रहे सीमा विवाद का मुद्दा फिर गर्मा गया है। मुख्य सचिव ने सामान्य प्रशासन व राजस्व विभाग से लद्दाख के साथ चल रहे सीमा विवाद पर पूरी जानकारी मांगी है। सूत्रों के अनुसार मंगलवार को इस मसले पर अधिकारियों के साथ मंथन किया गया है।

दरअसल, लद्दाख लंबे समय से हिमाचल के सारचू तक क्षेत्र को अपना हिस्सा बताता रहा है। सारचू के इस नो मेन्स लैंड वाले इलाके में हिमाचल पुलिस की एक पोस्ट पिछले डेढ़ दशक से बनी है। इसके जरिये हर साल मनाली से लेह जाने के दौरान रास्तों में रुकने वालों की सुरक्षा व्यवस्था पुलिस इस पोस्ट के जरिये संभालती है। पिछले साल लद्दाख पुलिस ने हिमाचल सीमा के तेरह किलोमीटर अंदर सारचू में एक अस्थायी पोस्ट बना दी। इसके बाद विवाद बढ़ गया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मसले को चंडीगढ़ में अमित शाह की अध्यक्षता में हुई नॉर्थ जोन कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक में उठाया। इसके बाद मामले को निपटाने को नए सिरे से कवायद शुरू हुई है। बिलासपुर से लेह के लिए प्रस्तावित रेललाइन के सर्वे का काम शुरू हो चुका है। ऐसे में क्षेत्र का महत्व बढ़ेगा। इसी वजह से यह विवाद अब बढ़ गया है। हालांकि, लद्दाख के यूटी बनने के बाद केंद्र का सीधा नियंत्रण है, ऐसे में अब इस मसले के निपटने की संभावना बढ़ गई है। केंद्र के निर्देश पर सर्वे ऑफ इंडिया भी इस काम में जुटा है। हिमाचल अपने क्षेत्र से संबंधित नक्शे व राजस्व दस्तावेज तैयार कर सर्वे ऑफ इंडिया को भेज रहा है।
कोरोना ने अटकाया हरियाणा विवाद का समाधान
हरियाणा भी टिंबर ट्रेल तक कुछ गांवों को अपने प्रदेश का हिस्सा बताता रहा है। मामले में हरियाणा के पास राजस्व दस्तावेज नहीं हैं, जबकि हिमाचल के पास इससे संबंधित काफी रिकॉर्ड है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस मसले का हल हो सकता था। सर्वे ऑफ इंडिया ने हरियाणा और हिमाचल के बीच सीमा तय करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। फरवरी में उसने हिमाचल सरकार के साथ विवाद सुलझाने के लिए पत्राचार भी किया था, लेकिन इसके बाद कोविड और लॉकडाउन के चलते अब यह मसला ठंडे बस्ते में पड़ा है।

 

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